डायना पर डॉ नसीर व सुलोचना पर डॉ दक्ष बैठकर किया बाघ को ट्रेंकुलाइज
पुनीत संदेश
नीलम सरोज। रहमान खेड़ा में बीते तीन माह से घूम रहे बाघ की दहसत से आखिरकार मुक्ति दिलाते हुए वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने में वन विभाग को सफलता मिली। बीते मंगलवार -बुधवार रात बाघ ने रहमान खेड़ा में गेहूं के खेत में घुमन्तु गाय का शिकार किया था। जिसके बाद बाघ जंगल मे चला गया था। शिकार की जानकारी पर वन विभाग टीम ने बाघ को घेरने की योजना बनाई ।सुबह 5 बजे से ट्रेकिंग टीम ने बाघ की लोकेशन का पता लगाकर टीम सक्रिय हुई ।बाघ मीठे नगर की तरफ खड़ंजे पर जाता टीम ने देखा ।जिसके बाद डॉक्टर दक्ष व नासिर हाथी सुलोचना व डायना पर बैठ कर बाघ का पीछा किया। बाघ खड़ंजे से रहमान खेड़ा के पीछे जंगल व कैथा वाली बाग़ में छिप गया। जहां डॉक्टरों ने हाथियो के मदद से कॉम्बिंग शुरू की ।करीब 9 बजे बाघ का आमना सामना हाथियो से हुआ। बाघ ने डायना हाथी पर झपटा मारा तो सुलोचना ने साथ मे आगे बढ़कर बाघ को पीछे लौटाया। हालांकि इस दौरान डॉक्टर बाघ को डॉट नही कर सके। बाग़ वहां से आगे बढ़कर घने जंगल मे छिप गया ।
इस पर वन विभाग ने बाघ को घेरने के लिये रणनीति बनाई। डीएफओ डॉ सितांशु पांडेय व सीतापुर डीएफओ नवीन खंडेवाल ने डॉक्टर दक्ष ,नासिर व आर के सिंह के साथ रणनीति तैयार की। रणनीति में वन विभाग टीम ने वाहनों की मदद से मीठे नगर की तरफ से खड़ंजे व केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के अंदर भी सड़क से जंगल की घेराबंदी की गई। जिससे बाघ उस जंगल से बाहर न भाग से जिसमे दिखा था। घेराबंदी के दौरान डायना पर बैठे डॉक्टर दक्ष व सुलोचना पर बैठे डॉक्टर नासिर ने बाघ का पीछा किया। डॉक्टर दक्ष व नासिर ने मिलकर शाम करीब 6 बज कर 9 मिनट पर बाघ को पहली डॉट मारी। डॉट लगने से बाग़ ने वहां से भागना शुरू किया। पहली डॉट लगने के बाद बाघ करीब 450 मीटर दूर रेलवे लाइन पार करके मुख्य सड़क के दुगौली तरफ जंगल में आकर बेहोश होने लगा। बाघ यही पर आकर बेहोश हो गया। पीछे से हाथी आ रहे डॉक्टरों की टीम बाघ को पुरी तरह बेहोश करने के लिए 6 बजकर 35 मिनट पॉपेट ( दवा इंजेक्शन ) मारी ।जिसके बाद वन विभाग टीम ने बाघ के बेहोश होने की पुष्टि की।पहला ट्रैंकुलाइजर डार्ट लगने पर बाघ बेहोश नहीं हुआ, वह आक्रामक होकर दहाड़ने लगा। डॉक्टर दक्ष और डॉक्टर नासिर ने कुल सात डार्ट किया जो पांच मिस हो गई दो में सफलता मिली। पहली डार्ट लगने के बाद बाघ को घेराबंदी कर करीब 800 मीटर पीछा किया। निशाना बनाकर दूसरी डार्ट दागी। तब बाघ बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।
कितना भारी है बाघ
टीम ने बताया कि बाघ करीब 230 किलो वजन है। उम्र करीब 3-4 साल है। वनकर्मियों ने पिंजरे में बंद किया है। बाघ BKT (बख्शी का तालाब) रेंज कार्यालय लाया जाएगा, जहां वन्यजीव चिकित्सकों की टीम उसका इलाज करेगी।
कैसे पकड़ने के लिए कार्य टीम ने
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने 5 जगहों पर AI थर्मल सेंसर कैमरे लगाए थे। 3 थर्मल ड्रोन से घेराबंदी की गई। बुधवार को AI कैमरे से अलर्ट मिलते ही टीम मौके पर पहुंची। जहां बाघ झाड़ियों में छिपा था।
बुधवार सुबह बाघ ने जोन-2 के मीठेनगर गांव में एक गाय का शिकार किया। शाम करीब 6:30 बजे बाघ के दोबारा लौटने की सूचना वन विभाग को मिली। इसका अलर्ट AI कैमरे से मिला था। बाघ कैमरे में कैद हो गया था।
Created On: March 06, 2025